तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम Admin इश्क << वो शाम का दायरा मिटने नही... भूल जाओ कि मुझ सा कोई और ... >> तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम..प्यार की बात न सही कोई शिकायतही कर दे.. Share on: