तेरे बिन जिएं हम किस तरह और तू जिएगी किस तरह उल्फत में जो हम खो Admin जोगी शायरी, इश्क << दिल का सागर सहरा है दर्द ... हर दामन में शोला है जीवन ... >> तेरे बिन जिएं हम किस तरह और तू जिएगी किस तरहउल्फत में जो हम खो चुके वो फिर मिलेगी किस तरहशम्मे जो लौ से घिर गए कब तक जलेगी किस तरहमैं तो शुरू से ही नादान हूं पर तू समझेगी किस तरह Share on: