तू वो ज़ालिम है जो दिल में रह कर भी मेरा न बन सका… और Admin ज़ालिम शायरी, इश्क << कुछ खूबसूरत पलों की महक स... ए खुदा मोहूबत भी तूने अजी... >> तू वो ज़ालिम है जो दिल में रह कर भी मेरा न बन सका… और दिल वो काफिर जो मुझमे रह कर भी तेरा हो गया.. Share on: