तुम्हें कहने को अल्फाज़ तो सारे चुन लिए थे मैंने Admin ख़ामोशी शायरी, इश्क << मैंने प्यार किया बड़े होश... हमारी गली मे ज़रा संभल कर... >> तुम्हें कहने को अल्फाज़ तो सारे चुन लिए थे मैंने,मगर तुम्हारी ख़ामोशी ने उन्हें होठों तक आने नहीं दिया... Share on: