ये तेरे मासूम नैनाे ने सब सच जताया है।तेरे लफ्झ ने हमे महोबब्त के फर्ज सिखाया है।बाते करते हो तो लगता है की हर वक्त जीक्र करते हो प्यार का,वैसे, ऊंगलीयो ने आपकी मेरे हाथो को मीलाया है।कभी सहि, कभी गलत लम्हा आया है।बडी खुबसूरती से तुमने हमे मनाया है।केवल बंधन की सुरक्षा के लिये,आपने कई कीमती आंसु बहाया है।तो फिर आ जाओ,दुनीया आज-कल नुर की आंधी मे उडी।वह रफ्तार मे कैसे बन सके सच्ची जुडी?उसी चक्रवात मे से नीकल कर,तु सच्चे दील वाली।मेरे अहेम रिश्तो ने तूम्हे अपनाया है।आज ये 'हया' करते हैैामेरे प्यारे परवरदीगार।'चहेरे के नुर वाले अक्सर,चले जाते है बन के दीलके मेहमान।मेने दिल को समजाया है, की।जरा रोशन चेहरे के लीये ना करे शीकायते।सीने मे जीसने बेहतरीन प्यार सजाया है।सीर्फ ऊसे ही अपना बनाया हैाffi