ये तो ज़मीन की फितरत है की Admin समंदर शायरी हिंदी, इश्क << समजा दो तुम अपनी यादो को ... रात चुपके से आ के तेरी या... >> ये तो ज़मीन की फितरत है की, वो हरचीज़ को मिटा देती हे वरना,तेरी याद में गिरने वाले आंसुओं का,अलग समंदर होता। Share on: