प्यार की गज़लो को तराना मिल गया Admin गज़ल और शायरी, ग़ज़ल << "अजनबी रहुँ मैं " "अब खुद... दर्द कागज़ पर: >> प्यार की गज़लो को तराना मिल गया.आपकी दोस्ती ऐसी मिली दोस्त...जैसे खुदा की तरफ से कोई नज़राना मिल गया. Share on: