अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख Admin गिला शिकवा << तुम साथ नहीं हो लेकिन हमस... खामोश बैठे हैं तो लोग कहत... >> अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख,इक तू ही नाख़ुदा नहीं ज़ालिम ख़ुदा भी है! Share on: