मुद्दतें गुजरी हैं हमको करीब आए हुए Admin तेरी ख्वाहिश शायरी, गिला शिकवा << खामोश बैठे हैं तो लोग कहत... आह को चाहिए इक उम्र असर ह... >> मुद्दतें गुजरी हैं हमको करीब आए हुएरात है बेचैन शमा प्यार की जलाए हुएबिखरी हुई हैं साँसों में तेरी ख्वाहिशेंमेरी नज़रों में ख्वाब हैं मुस्कुराए हुए! Share on: