ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें दिल के जख्म शायरी, ज़िन्दगी << जिंदगी बस यूँ ही खत्म होत... बड़े महँगे किरदार है ज़िं... >> ज़िंदगी जब जख्म पर दे जख्म तो हँसकर हमें,आजमाइश की हदों को आजमाना चाहिए। Share on: