लफ्ज़ वही हैं Admin ज़िन्दगी << मौत को तो मैंने कभी देखा ... चेहरे की हंसी से हर गम चु... >> लफ्ज़ वही हैं, माईने बदल गये हैंकिरदार वही, अफ़साने बदल गये हैंउलझी ज़िन्दगी को सुलझाते सुलझातेज़िन्दगी जीने के बहाने बदल गये हैं। Share on: