आज हम उन्हें बेवफ़ा बताकर आये हैं Admin जुदाई << वफ़ा का दरिया कभी रुकता न... चाहत को मेरी >> आज हम उन्हें बेवफ़ा बताकर आये हैं,उनके खतों को पानी में बहाकर आये हैं,कोई निकालकर पढ़ ना ले खतों को,इसलिए पानी में भी आग लगाकर आये हैं..!!! Share on: