छूते रहे वो दिल मेरा गज़ल की आग से Admin हिन्दी शायरी गज़ल, जुदाई << मत पूँछ मेरे जागने की वजह... कर ली ना तसल्ली तुमने दिल... >> छूते रहे वो दिल मेरा गज़ल की आग से, जलते रहे हम रातभर शायर की बात से.. Share on: