दर्द पर कैसे ये पहरे हो गए सुनते सुनते लोग बहरे हो गए जब कभी दिल से Admin दर्द जुदाई शायरी, जुदाई << वो मुहब्बत भी उसकी थी वो ... कल रात हमने सारे अपने गम ... >> दर्द पर कैसे ये पहरे हो गएसुनते सुनते लोग बहरे हो गएजब कभी दिल से लगाया यार कोजख्म दिल के और गहरे हो गए। Share on: