इक उम्र हुई और मैं अपने से जुदा हूँ जुदाई << चाँदनी-रात में अंधेरा था तुझ से बिछड़ के दर्द तेरा... >> इक उम्र हुई और मैं अपने से जुदा हूँख़ुशबू की तरह ख़ुद को सदा ढूँड रहा हूँ! Share on: