कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी Admin जुदाई << समझते तो हैं हम "फरेब था हम आशिकी समझ बैठ... >> कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,....हजारो अपने है मगर याद तुम ही आते हो| Share on: