क्या-क्या नहीं किया मैंने तेरी एक मुस्कान के लिए जुदाई << उसके जाने के बाद हम तन्हा... चाँदनी-रात में अंधेरा था >> क्या-क्या नहीं किया मैंने तेरी एक मुस्कान के लिएbr/>फिर भी अकेला छोड़ दिया उस अनजान के लिए! Share on: