मुद्दत हुई वो रुलाने नही आए इन जलती हुई आँखों को बुझाने नही आए Admin मरना शायरी इन हिंदी, जुदाई << धीरे धीरे दूर होते गये वक... एक अज़ीब दास्तान है मेरे अ... >> मुद्दत हुई वो रुलाने नही आएइन जलती हुई आँखों को बुझाने नही आए,...कहते थे साथ जियेंगे साथ मरेंगे,हम रूठे थे 1 एक दिन फिर आज तक वो मानाने नही आए. Share on: