मुझे बस वफ़ा इतनी सी निभानी आयी Admin जुदाई << बेचैन निकलने को है जख्म भी अब दिल का दिल से ... >> मुझे बस वफ़ा इतनी सी निभानी आयी.उसी की खातिर , उसी को छोड़ दिया हमने... Share on: