सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा Admin सपना पर शायरी, जुदाई << जिंदगी बन गई है गुलाम तेर... क पल भी सोती नहीं आँखे >> सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,सारी मेहफिल भुल गये, बस वह चेहरा याद रहा| Share on: