तेरी गुस्से से मै गुस्सा हुँ न चाहते हुए भी तुझसे गुस्सा हुँ तु मना ले मुझे Admin इंतजार की हद शायरी, जुदाई << बहुत दिन हुए तुमने मुझे य... नही लगता। "कोई भी गम बुर... >> तेरी गुस्से से मै गुस्सा हुँन चाहते हुए भी तुझसे गुस्सा हुँतु मना ले मुझे,मै इंकार भी नही करुँगीक्युँकि तेरी जिद और आदतो कि ही तो मै पसंद करती हुँइंतजार मत करवा मुझसेसब्र का बाँध टुटती जा रही है मेरीi miss u. Share on: