वो खत वो तस्वीरें वो मोहब्बत के फ़साने आखिर किधर गए Admin चोरी पर शायरी, जुदाई << कोई फर्क नही "ज़हर" और "प्... हम नज़रो से दूर है आँखों स... >> वो खत वो तस्वीरें वो मोहब्बत के फ़साने आखिर किधर गए.वो गुलिस्तां वो फूल वो चोरी का मिलना,वो बेखुदी के ज़माने किधर गए. Share on: