बरसात में उनकी यादें कुछ ज्यादा ही क़हर ढाती हैं Admin यादें की शायरी, दर्द << ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो जाने क्यों >> बरसात में उनकी यादें कुछ ज्यादा ही क़हर ढाती हैं......मेरे दिल में आकर मुझे तड़पा जाती हैं| Share on: