चाँद की चादँनी देखी Admin शायरी कामयाबी की, दर्द << कितना अजीब है उसका तू देख या न देख >> चाँद की चादँनी देखी, मौजो की रवानी देखीमगर जब से कोई रूठा, नहीं कोई जीशानी देखीखुश रहे वो हमेशा ये दुआ अजा़नो में रहीऔर दिन महीने साल यूं गुजरते जायेतबियत से उनकी कामयाबी जिन्दगानी में देखी | Share on: