दिन घुटे घुटे Admin ज़िन्दगी शायरी हिन्दी, दर्द << तब्दीली जब भी आती है मौसम... बेवफा बनकर कैसे जी लेते ह... >> दिन घुटे घुटे ,शामें धुंआ धुंआ हो गया और रातें ,इंतज़ार की तेरे दास्ताँ हो गया कहाँ से ढूंढ़कर लाउ सकुन दिल का अपने ज़िन्दगी जब दर्द की एक दास्ताँ हो गया Share on: