एक ख़ुशी के पीछे Admin मुस्कुरा शायरी, दर्द << सिलसिले तो यूँही चलते रहे... चलो मान लिया हमें मोहब्त ... >> एक ख़ुशी के पीछे , हजारो गम है छिपे। ....हर एक आंशु है , तेरी हर एक मुस्कराहट के पीछे। ………मुकद्दर ही कुछ ऐसा है यारो अपना। ,फिर भी ये खुश नशिबी है , तेर ही रेहेमों - करम के पीछे। .. Share on: