हाथों की Admin फक्त मराठी शायरी, दर्द << तेरी वफ़ा की ख़ातिर ज़लील कि... तेरे ही नाम से ज़ाना जाता... >> हाथों की 963लकीर फक्त कभी तकदीर नहीं होते।तकदीर उनके भी होते है जिनको हाथ नहीं होते।। Share on: