इंसान सब कुछ भूल सकता है Admin लम्हों की शायरी, दर्द << ज़िंदगी में कभी भd "बहुत गुरुर है दरिया को अ... >> इंसान सब कुछ भूल सकता है ,सिवाय उन लम्हों के...जब उसे अपनों की जरुरत थी ,और वह साथ नहीं थे... Share on: