ज़िन्दगी ख्वाब थी हम हकीक़त समझ बैठे Admin ज़िन्दगी दर्द भरी शायरी, दर्द << आज हसी दे क कल रुला न देन... प्यार की उसने कदर कहा... >> ज़िन्दगी ख्वाब थी हम हकीक़त समझ बैठे , वो करते रहे दिल्लगी और हम मोहब्बत समझ बैठे Share on: