जिन्हीने बदली थी हमारे ख्वाइशों की जिंदगी Admin परिंदो पर शायरी, दर्द << न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ दिल होना चाहिए जिगर होना... >> जिन्हीने बदली थी हमारे ख्वाइशों की जिंदगी...आज वहो बदले बदले नज़र आते है...उड़ गए उन परिंदों का मलाल क्या करे...जब अपने भी औरो की छत प0 नज़र आते है...रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू...जब दिन मै भी डरावने सपने आत्ते है..! Share on: