जो भी आता है एक नई चोट देकर चला जाता है Admin दर्द << टूटे हुए काँच की तरह चकना... खामोश हूँ सिर्फ तुम्हारी ... >> जो भी आता है एक नई चोट देकर चला जाता है,माना मैं मजबूत हूँ लेकिन…… पत्थर तो नहीं.! Share on: