कहाँ ये जानते थे कि रस्में उल्फ़त कभी यूँ भी निभानी होगी Admin दर्द << प्यार वो हम को बेपनाह कर ... टूट जायेंगी उसकी “ज़िद” क... >> कहाँ ये जानते थे कि रस्में उल्फ़त कभी यूँ भी निभानी होगी,तुम सामने भी होंगे और हमें नज़रे झुकानी होगी.!! Share on: