काश कहीं किसी मोङ पे हमारी मुलाकात हो जाये,अब, तब जो नहीं हुई वो ही दिल की बात हो जाये,थक गया अकेले चलते चलते जिंदगी के सफर में,तपते हुए जीवन में थोङी प्यार की बरसात हो जाए,दे देना मुझे आसरा अपनी बाँहों की ठंडी छाँव में,लेकिन डर है कि कही कोई वारदात ना हो जाये,थम जाये वो पल और ठहर जाये वो वक्त वहीं, फिर,पूरे हो जाये अरमान, एक हमारे जज्बात हो जाये...