कोई दिला दे ना याद उसकी इसलिए चुप रहता हु ,अक्स भी पीता हु, खुश भी रहता हु ,,कोई दिला दे ना याद उसकी इसलिए चुप रहता हु ,,,कभी दोस्तों से कभी ज़माने से कुछ नही कहता हु ,तुझे तो अहसास भी नही की कैसे जीता हु,,कोई दिला दे ना याद उसकी इसलिए चुप रहता हु ,,,कभी जब तनहा होता हु तो सोचता हु क्यों आई याद तेरी फिर रो पड़ता हु ,दिल से कहता हु चुप हो जा कही देख ले न कोई ये ही कहते कहते फिर सो जाता हु ,,कोई दिला दे ना याद उसकी इसलिए चुप रहता हु ,,,