महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया Admin महफ़िल ऐ शायरी, दर्द << रहना तो चाहते थे साथ उनके किस किस से कहूँ कि यहाँ क... >> महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गयातन्हाई में रोना एक राज बन गया,दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दियाबस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया। Share on: