ना जाने क्यों वो हमसे मुस्कुरा के मिलते हैं Admin दर्द << वफा के बदले बेवफाई ना दिय... मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल ... >> ना जाने क्यों वो हमसे मुस्कुरा के मिलते हैं,अन्दर के सारे गम छुपा के मिलते हैं,जानते हैं आँखे सच बोल जाती हैं,शायद इसी लिए वो नज़र झुका के मिलतें हैं Share on: