नगर पालिका परिषद् हो या बंद करे सरकार Admin सरकार पर शायरी, दर्द << मैं अपने साथ कोई काफ़िला न... आकर जहाँ को मेरे रौशन कभी... >> नगर पालिका परिषद् हो या बंद करे सरकारसाम दाम वा दंड भेद की नीति सब बेकारखा लो चाहे वैसी ही पर निकले ये उस पारसालों साल जो टिकी रहे उस थैली जैसा मेरा प्यार Share on: