"चलो ना Admin गिले शिकवे शायरी, दर्द << काफी दिनों से एक खवाईश सी... हमसफ़र तो साथ-साथ चलते है... >> "चलो ना...आज तो खत्म करते है।जो भी शिकवे थे.. गिले थे..बड़ी मुश्किल से कटी थी...पिछली रात तुमसे खफा होकर"... Share on: