तेरी यादों से........दूरी बेहतर है.....करती जीना ये मुश्किल.....यह वो बारिश है.........देती बंजर है.........भीग के होगा क्या हासिल.........तुझे ही मेरी जब आरजू नहीं......मुझे भी कहाँ फिर तेरी जुस्तजू है.......राहों में ढूँढा करता हूँ....जब भी कहीं से गुजरता हूँ....भूले से तू मिल जा कभी......कोई भी आहट सुनता हूँ..दर पे निगाहें करता हूँ.....तेरे बिना मैं तनहा हूँ....वक़्त से टूटा लम्हा हूँ...ऐसे न मुझे सजा दे तू.....मेरी खताएं भुला दे तू...क्यूँ ये उम्मीद मैं करता हूँ.....क्यूँ मैं ये सोचा करता हूँ..काश मुझे फिर बुला ले तू.........अगर हूँ खफा तो मन ले तू.....तेरी यादों से........दूरी बेहतर है..........