तुमने जो दी इत्तला अपने आने की महफ़िल में। लो अब तो बुझे हुए चिराग फिर Admin महफ़िल शायरी, दर्द << मुझे है तुमसे मोहबत्त इसम... सपना क्या है >> तुमने जो दी इत्तला अपने आने की महफ़िल में।लो अब तो बुझे हुए चिराग फिर से रोशन हो गए।। Share on: