टुट जाये ख्वाब तो जुङने की आस क्या रखना Admin देसी शायरी फनी, दर्द << दिल होना चाहिए जिगर होना... हमारे दरमियाँ ये दूरियां ... >> टुट जाये ख्वाब तो जुङने की आस क्या रखना,पलकों के भिगने का हिसाब क्या रखना,बस इसलिए मुसकुरा देते हैं हम,अपनी उदासी से किसी को उदास क्या रखना| Share on: