उसके भोलेपन पर मिट न जाऊँ तो मैं क्या करूँ किस कदर नफ़रत है मुझसे यह Admin शायरी भोले बाबा, दर्द << उस पथ से क्यों चलता हे तू आपके इस शहर में गुज़ारा न... >> उसके भोलेपन पर मिट न जाऊँ तो मैं क्या करूँकिस कदर नफ़रत है मुझसे यह बताया है मुझेमुझको उसकी दुश्मनी पे नाज़ क्यों न हो कहोहै भरोसा मुझपे ज़ालिम ने जताया है मुझेवो कोई इल्ज़ाम दे देता मुझे तो ठीक थाउसकी चुप ने और भी ज़्यादा सताया है मुझे Share on: