वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता Admin ज़िन्दगी शायरी हिन्दी, दर्द << तुम रहो हम से दूर तो इक क... वो जालिम मेरी हर ख्वाहिश ... >> वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता। Share on: