वो ज़ुबान ही किया जिसमे रब का नाम न हो! Admin दर्द << कैसे कटी है रात कोई जानता... बेशक मेरी ज़िन्दगी तेरे >> वो ज़ुबान ही किया जिसमे रब का नाम न हो!वो प्यार ही किया जिसमे ईमान न हो!दिल तोह सबके पास है लेकिन वो दिल भी किया जिसमे किसीके लिए प्यार न हो!. Share on: