ये मोहब्बत की राहें हैं जनाब यहाँ किसी की नहीं चलती कहीं दिल नही मिलते तो Admin हाथो की लकीर शायरी, दर्द << प्यार भी बारिश की बूंदों ... कब तक वो मेरी होने से इंक... >> ये मोहब्बत की राहें हैं जनाब यहाँ किसी की नहीं चलतीकहीं दिल नही मिलते तो कहीं लकीरें नही मिलतीं Share on: