अब तो यह चांदनी भी हमें जलाती है Admin महफिल शायरी हिंदी, दूरियां << कोई दूर है तो कोई पास है दिल तोड़ना शायद उनकी आदत स... >> अब तो यह चांदनी भी हमें जलाती हैभरी महफ़िल में भी तन्हाई हमें सताती हैजब से दूर गए हो तुम हमसेहमारी आँखें हर पल दब-दबाती हैं। Share on: