है अगर दूरियां बहुत तो इतना समझ लो दूरियां << अगर ज़िद्द तुम्हारी रुठने ... अब अगर जुबान से नाम लेते ... >> है अगर दूरियां बहुत तो इतना समझ लोकि पास रह कर भी कोई रिश्ता ख़ास नहीं होताहो तुम मेरे दिल के पास इतने किदूर रह कर भी दूरियों का एहसास नहीं होता। Share on: