दाेस्ती Admin आँसु भरी शायरी, दोस्ती << साथ अगर दोगे मुस्कुराएंगे... एहसास बहुत होगा जब छोड़ के... >> दाेस्ती, ना कभी इम्तिहान लेती हैना कभी इम्तिहान देती हैदाेस्ती ताे वाे है, जाे बारिश में भीगे चेहरे पर भीआँसुओं काे पहचान लेती है। Share on: