क़िताब-ए-दिल का कोई भी स़फा ख़ाली नहीं होता दोस्ती दोस्ती में दोस्त >> क़िताब-ए-दिल का कोई भी स़फा ख़ाली नहीं होता,दोस्त वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं, जहाँ कुछ लिखा नहीं होता! Share on: