बिखरने दो होंठों पे Admin हंसी की शायरी, प्रेम << ख्वाब मत बना मुझे कभी कोई अपना अनजान हो जात... >> बिखरने दो होंठों पे,हंसी के फुहारों को,प्यार से बात कर लेने से,जायदाद कम नहीं होती है। Share on: